उपगुप्त बौद्ध भिक्षु के प्रभाव से अशोक का धर्म परिवर्तन हुआ। उपगुप्त प्राचीन समय में मथुरा नगरी का एक विख्यात बौद्ध धर्माचार्य था। इन्हें 'अलक्षणक बुद्ध' भी कहा जाता है। ये वाराणसी के गुप्त नामक इत्र विक्रेता के पुत्र थे। 17 वर्ष की अवस्था में संन्यास लेकर इन्होंने योगसाधना की और काम पर विजय प्राप्त करने के उपरांत समाधिकाल में भगवान बुद्ध के दर्शन किए। सम्राटऔर अशोक को बौद्ध धर्म का प्रचार करने और स्तूप आदि को निर्मित कराने की प्रेरणा धर्माचार्य उपगुप्त ने ही दी।
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