खैर-उल-मजलिस’ का लेखक हमीद कलन्दर हैं। शेख नासिर अल-दीन चिराग देहली के एक शिष्य , उन्होंने 1354 में ख़ैरुल-मजलिस (शुभ वार्तालाप) नामक अपने उपदेशक के प्रवचनों को संकलित किया। हामिद के पिता शेख निज़ाम अल-दीन औलिया के शिष्य थे । कलंदर उपनाम (एक भटकता हुआ दरवेश) हामिद को स्वयं महान शेख द्वारा दिया गया था।