उत्तररामचरित के लेखक भवभूति है। भवभूति के तीन नाटक उपलब्ध होते हैं-(1) मालती माधव (2) महावीर चरित (3) उत्तर रामचरित। 'मालती माधव' 10 अंकों का प्रकरण नाटक है। 'महावीर चरित' के 7 अंकों में राम के विवाह से लेकर राम राज्याभिषेक तक रामायण की कथा वर्णित है। 'उत्तररामचरित' के सात अंकों में रामायण के उत्तरकांड की कथा वर्णित है।