हड़प्पा संस्कृति की आयताकार मुहरें सेलखड़ी से बनी हैं। हड़प्पा सभ्यता की मुहरें खुदाई से पृथ्वी से निकलीं, जो साबुन के पत्थर, टेराकोटा और तांबे से बनी थीं। इन छोटी वस्तुओं को पत्थर से खूबसूरती से उकेरा गया है और फिर उन्हें और अधिक टिकाऊ बनाने के लिए निकाल दिया गया है। अब तक 3,500 से अधिक मुहरें मिल चुकी हैं। मुहरें आयताकार, गोलाकार या बेलनाकार भी होती हैं।