मौर्य वंश का चन्द्रगुप्त मौर्य शासक वृद्धावस्था में जैन सन्त भद्रबाहु के साथ दक्षिण चला गया था। भद्रबाहु सुप्रसिद्ध जैन आचार्य थे जो दिगंबर और श्वेतांबर दोनों संप्रदायों द्वारा अंतिम श्रुतकेवली माने जाते हैं। भद्रबाहु चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु थे। भगवान महावीर के निर्वाण के लगभग150 वर्ष पश्चात् उनका जन्म हुआ था।
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