दीवान-ए-ईशा’ का पत्र व्यवहार का कार्य था। दीवान-ए-इंशा, भारत के इतिहास में सल्तनत काल के, ‘दबीर -ए-मुमालिक’ विभाग के अन्तर्गत था। शाही पत्र व्यवहार के लिए कार्य का भार इस विभाग द्वारा होता था।यह सुल्तान की घोषणाओं एवं पत्रों का मसविदा तैयार करता था। सभी राजकीय अभिलेख इसी कार्यालय में सुरक्षित रखे जाते थे।