कल्हण की राजतंगिणी में वर्णित अन्तिम शासक जयसिंह है। कश्मीरी कवि कल्हण तथा उसके ग्रंथ राजतरंगिणी का ऐतिहासिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्व है। इस ग्रंथ की रचना कश्मीर नरेश जयसिंह (1127-1159 ई.) के काल में हुई थी। इसके आठ तरंगों में कशमीर देश का प्रारंभ से लेकर बारहवीं शती तक का इतिहास वर्णित हैं राजतरंगिणी संस्कृत भाषा में ऐतिहासिक घटनाओं को क्रमबद्ध रूप से प्रस्तुत करने का प्रथम स्तुत्य प्रयास है।
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