हर्ष की पराजय पुलकेशियन द्वितीय के हाथों हुई पुलकेशिन द्वितीय चालुक्य वंश का शक्तिशाली राजा था। हुएनसांग उसकी शक्ति एवं प्रभाव की प्रशंसा करता है। हर्ष की विजयों के परिणामस्वरूप उसके राज्य की पश्चिमी सीमा नर्मदा नदी तक पहुँच गयी। उधर पुलकेशिन द्वितीय भी उत्तर की ओर राज्य का विस्तार करना चाहता था। ऐसी स्थिति में दोनों के बीच युद्ध होना अवश्यंभावी हो गया।