भुवनेश्वर तथा पुरी के मन्दिर नागर शैली में निर्मित है। भारतीय स्थापत्य कला में मंदिरों की तीन शैलियां विशेष रूप से प्रसिद्ध है। उत्तरी भारत में हिमालय से विन्ध्य से कृष्णा नदी तक एक मिश्रित प्रकार की वेसर शैली तथा कृष्ण के दक्षिण में कन्याकुमारी तक द्रविड़ शैली का विकास हुआ। उड़ीसा के ज्यादातर मंदिर नागर शैली में निर्मित हैं। पुरी का जगन्नाथ मंदिर तथा कोणार्क का विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर नागर शैली के उदाहरण हैं।
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