खालसा पंथ की स्थापना तथा धर्मचार 'पाहुल' को गुरु गोविंद सिंह ने चलाया था। गुरु गोविंद सिंह सिक्खों के दसवें तथा अंतिम गुरु थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को युद्ध की शिक्षा देनी आरंभ की और पठानों को अपनी सेना में भर्ती किया। उन्होंने आनंदपुर को अपना मुख्यालय बनाया। 1699 ई. की बैसाखी के दिन गुरु गोविंद सिंह ने "खालसा" की स्थापना की। उन्होंने आनंदपुर में सिक्खों का एक विशाल सम्मेलन आयोजित किया और 5 आदमियों का चुनाव किया।
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