सविनय अवज्ञा आन्दोलन’ को अन्तिम रूप से 7 अप्रैल, 1934 वापस लिया गया। 1934 में कांग्रेस के द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव के तहत कांग्रेस के द्वारा मांग रखी गई, इस मांग के अनुसार यह कहा गया कि, निर्वाचित संवैधानिक सभा को लोगों के सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर आहूत की जाए।