पेशावर केस,कानपुर केस तथा मेरठ केस द्वारा कम्युनिस्ट आन्दोलन का दमन किया गया। मेरठ षड्यंत्र मामला एक विवादास्पद अदालत का मामला था। मार्च 1929 में ब्रिटिश सरकार ने 31 श्रमिक नेताओ को बन्दी बना लिया तथा मेरठ लाकर उन पर मुक़दमा चलाया। इनमें तीन ब्रिटिश साम्यवादी फिलिप स्प्रेड, बैन ब्रेडले तथा लेस्टर हचिंसन भी थे। इन तीनों ब्रिटिश कम्युनिस्टों को भारत से निष्कासित करने का विधेयक तैयार किया था।
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