दिसंबर, 1924 में बेलगांव में कांग्रेस के 39 वें वार्षिक अधिवेशन की अध्यक्षता महात्मा गांधी ने किया था। इस अधिवेशन में एक प्रस्ताव द्वारा यह निश्चित किया गया कि गांधीजी के रचनात्मक कार्यों पर बल दिया जाए। इसी अधिवेशन में गांधी-दास समझौते को अनुमोदित किया गया। पहले सत्र की अध्यक्षता दिसंबर 1885 में वोमेश चंद्र बोनर्जी ने की थी।