सैडलर आयोग ने शिक्षा पर सिफारिश की थी। सैडलर आयोग (1917-19) ने विश्वविद्यालय शिक्षा में कुछ संरचनात्मक बदलाव हेतु सुझाव दिये और उच्चतर माध्यिमक शिक्षा के पश्चात् स्नातक के लिये त्रिवर्षीय शिक्षा की वकालत की। आयोग ने महिला शिक्षा, अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा और अध्यापकों के प्रशिक्षण बल दिया।