अंग्रेजों के शासनकाल में भारत के 'आर्थिक दोहन' के सिद्धांत को दादाभाई नौरोजी ने प्रतिपादित किया। यह सिद्धांत उन्होंने अपनी पुस्तक Poverty and Un-British Rule in India में रखा था। दरअसल भारत का अथाह धन भारत से इंग्लैंड जा रहा था। धन का यह अपार निष्कासन भारत को अन्दर-ही-अन्दर कमजोर बनाते जा रहा था। दादाभाई नौरोजी ने इसे “अंग्रेजों द्वारा भारत का रक्त चूसने” की संज्ञा दी।
Stay updated via social channels