1857 के विद्रोह को एल.ई.आर.रीज ने ‘धर्मान्धों का ईसाइयों के विरूद्ध युद्ध’का था। 1857 ई. की क्रान्ति का आरम्भ एक सैनिक विद्रोह के रूप में हुआ, जो धीरे-धीरे कलकत्ता से लेकर दिल्ली तक के प्रदेशों में फैल गया। किन्तु उसके पीछे अनेक कारण थे, जिन्होंने इसके शीघ्र विस्तार में सहयोग प्रदान किया और जनता ने सक्रिय भाग लेकर अंग्रेजी सत्ता का विनाश करने का प्रयत्न किया।