यह कथन लॉर्ड कर्जन का है। लॉर्ड कर्जन 1899 ई. में भारत का वायसराय नियुक्त हुआ और सन् 1905 तक इस पद पर रहा। इस काल में उसने भारत में अनेक सुधार किए, जिससे भारतीयों में राष्ट्रीय चेतना जाग्रत हुई। उसने शिक्षा, शासन, कानून एवं कृषि सम्बन्धी अनेक सुधार किए, जिसके परिणामस्वरूप भारत में एक नवीन युग का सूत्रपात हुआ।
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