"भारतीय संस्कृति पूरी तरह न हिन्दू है, न इस्लामी और नही कुछ अन्य, वह सबकी संयोजन है", यह कथन महात्मा गाँधी का है। भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं।
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