इस घोषणा-पत्र को कुछ इतिहासकारों ने भारतीय स्वतंत्रता का मेग्नाकार्टा की संज्ञा दी थी। 1 नवम्बर, 1858 ई. को प्रथम वायसराय लॉर्ड कैनिंग ने इलाहाबाद में एक दरबार का आयोजन किया, जिसमें वायसराय ने महारानी विक्टोरिया द्वारा भारतीय शासन चलाने की विधिवत् घोषणा की तथा विक्टोरिया की ओर से एक घोषणा पत्र पढ़कर सुनाया, जिसे भारतीय स्वतंत्रता का मैग्नाकार्टा कहा जाता है।
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