आयन मण्डल की वह निचली परत जिससे दीर्घ तरंगों और रेडियो तरंगों का परावर्तन होता कैनेली हेवीसाइड परत होती है।पृथ्वी से लगभग 80 किलोमीटर के बाद का संपूर्ण वायुमंडल आयानमंडल कहलाता है। आयतन में आयनमंडल अपनी निचली हवा से कई गुना अधिक है लेकिन इस विशाल क्षेत्र की हवा की कुल मात्रा वायुमंडल की हवा की मात्रा के 200वें भाग से भी कम है।
Stay updated via social channels