यह सच है कि सभी उपलब्धियाँ उचित समय पर ही अच्छी लगती हैं। जैसे-सर्दी बीतने पर रजाई का क्या लाभ? बारिश खत्म होने पर छाता मिला तो क्या लाभ? मनुष्य के मरने के बाद मकान बन सका तो क्या लाभ? फसलें नष्ट होने के बाद सुरक्षा का प्रबंध हुआ तो क्या लाभ? डकैती होने के बाद पुलिस आ पाई तो क्या लाभ? आग बुझने के बाद फायर-ब्रिगेड आ पाया तो क्या लाभ? रोगी मरने के बाद डॉक्टर आ पाया तो क्या लाभ! ये सब उदाहरण बताते हैं कि उचित अवसर और आवश्यकता के समय ही उपलब्धियाँ अच्छी लगती हैं।