मुझे याद है। मैं पूरे नगर की दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम आया। खेल-विभाग के अधिकारी ने मुझे कहा-अगर तुम प्रांतीय प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हो तो मुझे एक हजार रुपये ला देना, वरना दूसरे का नाम आगे भेज दूंगा।
मैंने उस अधिकारी की शिकायत अपने जिलाधीश को कर दी। परिणाम यह हुआ कि मुझे अवसर मिला और मैंने प्रांतीय प्रतियोगिता जीती। उस अधिकारी को खूब खरी-खोटी सुननी पड़ी।