Welcome to the Hindi Tutor QA. Create an account or login for asking a question and writing an answer.
Sarthak yadav in Hindi
edited
मेरी रीढ़ में एक झुरझुरी-सी दौड़ गई’-लेखक के बारे में बताओ |

1 Answer

0 votes
Sarthak yadav
edited
त्रिपुरा के हिंसाग्रस्त मुख्य भाग में प्रवेश करने से पहले अंतिम पड़ाव टीलियामुरा ही है। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर अगले 83 किलोमीटर यानी मनु तक की यात्रा के दौरान ट्रैफिक सी०आर०पी०एफ० की सुरक्षा में काफिले की शक्ल में चलता है। मुख्य सचिव और आईजी० सी०आर०पी०एफ० से मैंने निवेदन किया था कि वे हमें घेरेबंदी में लेकर चलनेवाले काफिले के आगे-आगे चलें। काफिला दिन में 11 बजे के आसपास चलना शुरू हुआ। सभी काम में मस्त थे उस समय तक डर की कोई गुंजाइश ही नहीं थी। पहाड़ियों पर इरादतन रखे दो पत्थरों की तरफ मेरा ध्यान आकृष्ट नहीं हुआ। दो दिन पहले हमारा एक जवान यहीं विद्रोहियों द्वारा मारा गया था | मेरी रीढ़ में एक झुरझुरी सी दौड़ गई। मनु तक की अपनी शेष यात्रा में, मैं यह ख्याल अपने दिल से निकाल नहीं पाया कि हमें घेरे हुए सी०आर०पी०एफ० के जवान हैं अन्यथा शांतिपूर्ण प्रतीत होनेवाले जंगलों में किसी जगह बंदूकें लिए विद्रोही भी छिपे हो सकते हैं।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...