बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं ने मुझे प्रभावित किया धार्मिक सौहार्द-बिस्मिल्ला खाँ सच्चे मुसलमान थे। वे पाँचों समय नमाज़ पढ़ते थे। मुहर्रम का उत्सव पूरे शौक और भाव से मनाते थे। फिर भी वे हिंदुओं की पवित्र नदी गंगा को मैया कहते थे। बाबा विश्वनाथ और बालाजी के मंदिर में नित्य शहनाई बजाया करते थे। काशी के विश्वनाथ की कल्पना बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई के बिना नहीं हो सकती। उनका यह धार्मिक सौहार्द हमें सबसे अधिक प्रभावित करता है।
प्रभु के प्रति आस्थावान-बिस्मिल्ला खाँ के हृदय में खुदा के प्रति सच्ची और गहरी आस्था थी। वे नमाज़ पढ़ते हुए खुदा से सच्चे सुर की कामना करते थे। वे अपनी शहनाई की प्रशंसा को भी खुदा को समर्पित करते थे।