दहड़िता चालीसा पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में 40 डिग्री अक्षांश (लैटीट्यूड) के बीच चलने वाली शक्तिशाली पछुआ पवन को कहते हैं। पश्चिम-से-पूर्व चलने वाले यह वायु प्रवाह भूमध्य रेखा से वायु दक्षिणी ध्रुव की ओर जाने से और पृथ्वी के घूर्णन से बनते हैं। अधिकांश भाग में केवल खुला महासागर है जिस से इन पवनों को रोकने वाली पहाड़ियाँ या अन्य स्थलाकृतियाँ अनुपस्थित हैं और इनकी शक्ति बढ़ती जाती है।