जिस प्रकार हाथी सिंह से ज्यादा शक्तिवाला, भारी भरकम वजनी होते हए भी सिंह द्वारा आखिर मारा जाता है उसी प्रकार हमारे शिवाजी सिंह के समान हैं जो हमेशा दुश्मनों को मार गिराते हैं । यहाँ शक्ति का उतना महत्व नहीं है जितना कि सिंह की चुस्ती-फुर्ती का, उसके मस्तिष्क का । अतः शिवराज भी इसी चुस्ती-फुर्ती से दुश्मनों पर विजय प्राप्त करते हैं इसलिए कवि ने शिवराज की तुलना मगराज से की है।