लोकसभा अध्यक्ष अपना त्याग पत्र लोकसभा उपाध्यक्ष को संबोधित करता है। लोकसभा अपने अध्यक्ष का निर्वाचन स्वयं में से ही करती है। लोकसभा अध्यक्ष अपने पद के लिए कोई पृथक शपथ या प्रतिक्षा नहीं ग्रहण करता है किन्तु लोकसभा के सदस्य के रूप में वह शपथ ग्रहण करता है। लोकसभा अध्यक्ष को यह संवैधानिक छूट दी गई है कि यदि वह चाहे तोअध्यक्ष पद पर निर्वाचित हो जाने के बाद सदन की मर्यादा, निष्पक्षता एवं कर्तव्य पालन के लिए वह अपनी पार्टी से त्याग पत्र दे दे।