मुस्लिम लीग को प्रथम निर्वाचन का अधिकार 1909 में मिला था। ब्रिटिश भारत में 1909 के अधिनियम के द्वारा मुसलमानों को पृथक निर्वाचन का अधिकार प्रदान किया गया था। मार्ले मिंटो सुधारों का सबसे बुरा पक्ष था। पृथक अथवा सांप्रदायिक निर्वाचन पद्धति की सुविधा मुसलमानों को प्रदान करना, इस सुविधा ने कालांतर में भारत के भावी सार्वजनिक जीवन को विषाक्त कर दिया।