अनुच्छेद 300 मे
भारत के मूल संविधान में सात मौलिक अधिकार थें, लेकिन 44वें संविधान संशोधन (1979 ई.) के द्वारा संपत्ति का अधिकार (अनुच्छेद 31 तथा अनुच्छेद 19f) को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर इसे संविधान के अनुच्छेद 300 (a) के अन्तर्गत क़ानूनी अधिकार के रूप में रखा गया है।राज्य किसी भी नागरिक की संपत्ति पर ‘एडवर्स पजेशन’ (Adverse Possession) के नाम पर अपने स्वामित्त्व का दावा नहीं कर सकता