मंत्रिपरिषद विधानसभा के प्रति जवाबदेह होती हैं।संविधान के अनुच्छेद 164(क) के अनुसार, सभी मंत्री राज्यपाल के प्रसादपर्यंत अपने पद पर रह सकते हैं लेकिन अनुच्छेद 164(ख) के अनुसार, मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होती है.
किसी एक मंत्री अथवा मंत्रिपरिषद को राज्यपाल अपनी इच्छा के अनुसार मंत्री पद से नहीं हटा सकता. मंत्रिपरिषद विधानसभा में बहुमत प्राप्त होने तक (पांच साल की कार्यकाल तक) बना रहता है.