दादा भाई नौरोजी
दादाभाई नौरोजी का मानना था कि भारत को ब्रिटेन की संसद के भीतर से ही अपनी आजादी के लिए आवाज उठानी चाहिए और उन्होंने ऐसा किया भी। चुनाव जीतते ही उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन एक ‘दुष्ट’ ताकत है, जिसने अपने उपनिवेशों को गुलाम बना रखा है।
उन्होंने भारत की गरीबी के पीछे ब्रिटिश नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। नौरोजी ने एक कानून के जरिए भारतीयों के हाथ में सत्ता लाने का प्रयास भी किया। संसद सदस्य रहने के दौरान ही उन्होंने महिलाओं को वोट देने के अधिकार का समर्थन किया, बुजुर्गों को पेंशन और हाउस ऑफ लॉर्ड्स को खत्म करने जैसे मुद्दों को भी जोर-शोर से उठाया।