भारतीय संविधान में प्रदत्त 'मूल अधिकारों’ को निलंबित करने वाली सत्ता संसद है
मूल अधिकारों को संसद के प्रत्येक सदन में दो तिहाई बहुमत से पारित संवैधानिक संशोधन के द्वारा बढ़ाया, हटाया जा सकता है या अन्यथा संशोधित किया जा सकता है। आपात स्थिति लागू होने की स्थिति में अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर शेष मूल अधिकारों में से किसी को भी राष्ट्रपति के आदेश द्वारा अस्थाई रूप से निलंबित किया जा सकता है।