इस मक़बरे का निर्माण मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के पुत्र आज़म शाह ने अपनी माँ दिलरस बानो बेगम की याद में बनवाया था। इन्हें राबिया-उद-दौरानी के नाम से भी जाना जाता था। यह ताज महल की आकृति पर बनवाया गया था। यह औरंगाबाद, महाराष्ट्र में स्थित है।
यह मक़बरा अकबर एवं शाहजहाँ के काल के शाही निर्माण से अंतिम मुग़लों के साधारण वास्तुकला के परिवर्तन को दर्शाता है। ताजमहल से तुलना के कारण ही यह उपेक्षा का कारण बना रहा। मुघल काल के दौरान यह वास्तु औरंगाबाद शहर का मध्य हुआ करता था। इस मकबरे को ताज महल की फूहड़ नकल भी कहा जाता है। जो कि ओरंगजेब की वास्तुकला को दर्शाता है।