गुरु अर्जुन देव सिखों के पांचवें गुरू थे। लाहौर में मुगल बादशाह जहांगीर ने घोर शारीरिक यातनाएं देकर वर्ष 1606 ई. में रावी नदी में उन्हें बहा दिया।
गुरु अर्जुन देव जी का जन्म 15 अप्रैल साल 1563 में हुआ था। वे गुरु रामदास और माता बीवी भानी के पुत्र थे। उनके पिता गुरु रामदास स्वयं सिखों के चौथे गुरु थे, जबकि उनके नाना गुरु अमरदास सिखों के तीसरे गुरु थे। गुरु अर्जुन देव जी का बचपन गुरु अमरदास की देखरेख में बीता था।