‘हार्ड करेंसी’ का अर्थ वह मुद्रा जिसकी आपूर्ति माँग की अपेक्षा कम हो | मुद्रा के बारे में हम उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के आधार पर बात कर सकते हैं। सामान्यतः हम मुद्रा के कार्यो में विनिमय का माध्यम, मूल्य का मापक तथा धन के संचय तथा स्थगित भुगतानों के मान आदि को शामिल करते है। मुद्रा की कोई भी ऐसी परिभाषा नहीं है जो सर्वमान्य हो। विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने मुद्रा की अलग-अलग परिभाषाएँ दी है। प्रो. जॉनसन ने मुद्रा की परिभाषाओं की चार अलग-अलग भागों में अपनी पुस्तक 'एस्सेज ऑन मॉनेतरी इकनॉमिक्स' ( 'Essays on Monetary Economics') में बताया है |