भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु 10 मई 1901 को पेड़-पौधों में भी जीवन होने की बात साबित करने वाले पहले शख्स बने थे। बसु ने इसके लिए पौधे की जड़ को ज़हरीले पदार्थ में डालकर दिखाया था जिससे पौधा मुरझा गया था।
1900 से 1935 के बीच जगदीश चंद्र बोस ने कलकत्ते (अब कोलकाता) के प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी से रिटायरमेंट लेकर खुद को प्लांट फिजियोलॉजी के रिसर्च में समर्पित कर दिया था. बोस ने सबको चौंकाते हुए यूनिवर्सिटी से रिटायरमेंट ले लिया और फिर बोस इंस्टीट्यूट की स्थापना की. इसी कालखंड में जेसी बोस ने प्लांट के नर्वस सिसटम पर जो काम किया, उसने पेड़ पौधों को लेकर पूरी दुनिया में चली आ रही विज्ञान की थ्योरी बदल दी.