इलाही संवत की स्थापना अकबर ने 1584 ई. में की थी। यह सौर वर्ष पर आधारित था | दीन-ए-इलाही 1582 ईस्वी में मुगल सम्राट अकबर द्वारा एक समरूप धर्म था, जिसमें सभी धर्मों के मूल तत्वों को डाला, इसमे प्रमुखता हिंदू एवं इस्लाम धर्म थे। इनके अलावा पारसी, जैन एवं ईसाई धर्म के मूल विचारों को भी सम्मलित किया। हाँलाँकि इस धर्म के प्रचार के लिए उसने ज्यादा कुछ नही किया केवल अपने विश्वस्त लोगों को ही इसमें सम्मलित किया।