मलिक मोहम्मद जायसी शेरशाह सूरी समकालीन थे |शेरशाह का जन्म पंजाब के होशियारपुर शहर में बजवाड़ा नामक स्थान पर हुआ था, उनका असली नाम फ़रीद खाँ था पर वो शेरशाह के रूप में जाने जाते थे क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर कम उम्र में अकेले ही एक शेर को मारा था। उनका कुलनाम 'सूरी' उनके गृहनगर "सुर" से लिया गया था। उनके दादा इब्राहिम खान सूरी नारनौल क्षेत्र में एक जागीरदार थे जो उस समय के दिल्ली के शासकों का प्रतिनिधित्व करते थे। उनके पिता पंजाब में एक अफगान रईस ज़माल खान की सेवा में थे। शेरशाह के पिता की चार पत्नियाँ थी जिनसे आठ बच्चे प्राप्त हुए |