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Pratham Singh in Science
प्रोटीन प्रतिजन se aap क्या  समझते है?

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Jahangir

एंटीजन क्या होते हैं? - Antigens kya hai

एंटीजन (रोगाणु) तत्व प्रतिरक्षा तंत्र को उत्तेजित करने में सक्षम होते हैं, यह विशेष रूप से लिम्फोसाइट्स (lymphocytes) को सक्रिय करते हैं।

लिम्फोसाइट्स शरीर में मौजूद संक्रमण से लड़ने वाली सफेद रक्त कोशिकाएं होती है। आमतौर पर एंटीजन को दो रूपों में पहचाना जाता है, जिसमें बाहरी एंटीजन (heteroantigens/ foreign antigens) और शरीर के अंदर बनने वाले एंटीजन (autoantigens/self antigens) को शामिल किया जाता है।

एंटीजन बैक्टीरिया, वायरस या केमिकल हो सकते हैं। बाहरी एंटीजन शरीर के बाहर के रोगाणु होते हैं। जबकि ऑटोएंटीजन्स अपने आप व्यक्ति के शरीर के अंदर बनने लगते हैं। सामान्यतः शरीर खुद ही रोगाणुओं को नष्ट कर देता है, लेकिन स्व- प्रतिरक्षित विकार होने पर व्यक्ति के शरीर में ऐसे ऑटो एंटीबॉडीज (auto antibodies) बनने लगते हैं, जो गलती से व्यक्ति के अंगों और ऊतकों पर प्रतिक्रिया करने लगते हैं। 

एंटीजन के प्रकार - Antigens ke prakar

एंटीजन के प्रकार को एंटीजन की उत्पत्ति और प्रतिरक्षा तंत्र के प्रभाव के आधार पर निम्नलिखित दो भागों में बांटा जाता है।

उत्पत्ति के आधार पर एंटीजन के प्रकार

  • एक्सट्रोजिनस एंटीजेन्स (Extrogenous antigens):
    इस तरह के एंटीजेन्स शरीर में प्रवेश करके रक्त व शरीर के तरल के साथ घूमना शुरू कर देते हैं।
  • इंडोजिनस एंटीजेन्स (Endogenous antigens):
    इसमें शरीर की कोशिकाएं एंटीजेन्स को बनाती है।
  • ऑटो एंटीजेन्स (auto antigens):
    ऑटोएंटीजेन्स आमतौर पर एक सामान्य प्रोटीन या कई प्रोटीन का जटिल रूप होते हैं, जो एक विशिष्ट स्व-प्रतिरक्षीत बीमारी से पीड़ित रोगियों में पाए जाते हैं। सामान्य स्थिति में तो ये एंटीजेन्स प्रतिरक्षा तंत्र के निशाने पर नहीं होते हैं, लेकिन आनुवांशिक व अन्य बाहरी कारकों की वजह से ऐसा हो जाता है।

प्रतिरक्षा तंत्र के प्रभाव पर आधारित एंटीजन

  • इम्युनोजन (Immunogen/ Complete antigen):
    इसमें एंटीजन प्रतिरक्षा तंत्र पर स्वयं प्रतिक्रिया करते हैं।
  • हैप्टन्स (Haptens/ Incomplete antigens):
    इस तरह के एंटीजन्स को प्रतिरक्षा तंत्र पर प्रतिक्रिया करने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है। 

एंटीजन के कार्य - Antigens ke karya

एंटीजन शरीर में प्रवेश करके प्रतिरक्षा तंत्र को उत्तेजित करता है। इसके बाद प्रतिरक्षा तंत्र की प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है। 

प्रोटीन-प्रतिजन (Protein Denaturation)

प्रोटीन-प्रतिजन (Protein Denaturation) एक विशिष्ट प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें प्रोटीन के मौलिक ढांचे की तात्काल बिघड़ जाने की प्रक्रिया होती है। प्रोटीन बिजगड़ने के परिणामस्वरूप, यह अपने संरचना और विफल कर देता है, जिससे इसके कार्यक्षेत्र में परिवर्तन होता है।

प्रोटीन-प्रतिजन का कारण विभिन्न कारकों से हो सकता है, जैसे कि:

  1. उच्च तापमान: उच्च तापमान पर प्रोटीन के मोलिक्यूलर संरचना में परिवर्तन हो सकता है, जिससे वह बिघड़ सकता है।

  2. अल्कोहल और आवश्यक तत्वों का प्रयोग: अल्कोहल, अमोनिया, आवश्यक तत्वों, या अन्य रासायनिक पदार्थों का प्रयोग प्रोटीन की संरचना को बिघड़ सकता है।

  3. अम्लिक्त प्राधिकृत: अम्लिक्त प्राधिकृत के कार्यक्षेत्र में प्रोटीन की तितर-बितर हो सकती है जिससे इसका संरचना विचलित हो सकता है।

  4. प्राधिकृतिकरण: प्राधिकृतिकरण प्रक्रिया के द्वारा भी प्रोटीन की संरचना में परिवर्तन किया जा सकता है।

प्रोटीन-प्रतिजन के परिणामस्वरूप, प्रोटीन कार्यरत नहीं रहता है और अपने कार्यों को पूरा नहीं कर पाता है। इस प्रक्रिया का उदाहरण हो सकता है उबले अंडे का सफेद अंश जो पूरी तरह से पक जाता है और अपना स्थान बदल देता है।

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