तुलसीदास के लेखक/रचयिता
तुलसीदास (TulaseeDas) के लेखक/रचयिता (Lekhak/Rachayitha) "सूर्यकांत त्रिपाठी निराला" (Suryakant Tripathi Nirala) हैं।
TulaseeDas (Lekhak/Rachayitha)
नीचे दी गई तालिका में तुलसीदास के लेखक/रचयिता को लेखक तथा रचना के रूप में अलग-अलग लिखा गया है। तुलसीदास के लेखक/रचयिता की सूची निम्न है:-
रचना/रचना |
लेखक/रचयिता |
तुलसीदास |
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला |
TulaseeDas |
Suryakant Tripathi Niral |
तुलसीदास किस विधा की रचना है?
तुलसीदास (TulaseeDas) की विधा का प्रकार "काव्य" है।
नाम |
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला |
उपनाम |
निराला |
जन्म |
21 फ़रवरी, 1897 ई. |
जन्मस्थान |
महिषादल, मेदनीपुर ज़िला, पश्चिम बंगाल |
मृत्यु |
15 अक्टूबर, 1961 ई. |
मृत्यु स्थान |
इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
पेशा |
लेखक, कवि |
पिता |
पंडित रामसहाय तिवारी |
पत्नी |
मनोहरा देवी |
प्रमुख रचनाएँ |
परिमल, गीतिका, अनामिका, तुलसीदास |
भाषा |
खड़ीबोली |
साहित्य काल |
आधुनिक काल (छायावाद) |
विधाएं |
कविता, खंडकाव्य, उपन्यास, कहानी, निबन्ध, आलोचना, संस्मरण |
सम्पादन |
समन्वय, मतवाला, जन्मभूमि प्रभाव, सरस्वती पत्रिका |
पुरस्कार |
पद्मभूषण (मरणोपरांत) |
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ (Suryakant Tripathi Nirala) हिंदी साहित्य के छायावाद के प्रमुख चार स्तम्भो में से एक थे। इसके अतिरिक्त वे एक लेखक, कहानीकार, कवि, उपन्यासकार, निबंधकार एवं सम्पादक भी थे। परंतु उनकी कविताएं अधिक लोकप्रिय हुई। कविताओं से ही उन्हें प्रसिद्धि मिली। निराला को प्रगतिवाद, प्रयोगवाद और नई कविता का जनक माना जाता है।
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के काव्य संग्रह:
- अनामिका (1923)
- परिमल (1930)
- गीतिका (1936)
- अनामिका (II) (1931) - इस दूसरी अनामिका में 'सरोज स्मृति' और 'राम की शक्तिपूजा' आदि कविताओं का संग्रह है।
- तुलसीदास (1931)
- कुकुरमुत्ता (1942)
- अणिमा (1943)
- बेला (1946)
- नये पत्ते (1946)
- अर्चना(1950)
- आराधना (1953)
- गीत कुंज (1954)
- सांध्य काकली
- अपरा (संचयन)
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के उपन्यास:
- अप्सरा (1931)
- अलका (1933)
- प्रभावती (1936)
- निरुपमा (1936)
- कुल्ली भाट (1938, प्रकाशित 1939)
- बिल्लेसुर बकरिहा (1942)
- चोटी की पकड़ (1946)
- काले कारनामे (1950, अपूर्ण उपन्यास)
- चमेली (अपूर्ण)
- इन्दुलेखा
- तकनीकी
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की कहानी संग्रह:
- लिली (1934)
- सखी (1935)
- सुकुल की बीवी (1941)
- चतुरी चमार (1945) - 'सखी' संग्रह की कहानियों का ही इस नये नाम से पुनर्प्रकाशन।
- देवी (१९४८) - यह संग्रह वस्तुतः पूर्व प्रकाशित संग्रहों से संचयन है। इसमें एकमात्र नयी कहानी 'जान की !' संकलित है।
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के निबन्ध और आलोचना:
- रवीन्द्र कविता कानन (1921)
- प्रबंध पद्म (1934)
- प्रबंध प्रतिमा (1940)
- चाबुक (1942)
- चयन (1957)
- संग्रह (1963)
निराला की पुराण कथा:
- महाभारत (1931)
- रामायण की अन्तर्कथाएँ (1956)
निराला के बालोपयोगी साहित्य:
- भक्त ध्रुव (1926)
- भक्त प्रहलाद (1926)
- भीष्म (1926)
- महाराणा प्रताप (1927)
- सीखभरी कहानियाँ (1961, ईसप की नीतिकथाएँ)
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की रचना-समग्र: निराला रचनावली (आठ खण्डों में प्रकाशित) - प्रथम संस्करण 1973 में राजकमल प्रकाशन नयी दिल्ली से।
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की अनुवादित रचनाएं:
- रामचरितमानस (1948, विनय-भाग, खड़ीबोली हिन्दी में पद्यानुवाद)
- आनंद मठ (बाङ्ला से गद्यानुवाद)
- विष वृक्ष
- कृष्णकांत का वसीयतनामा
- कपालकुंडला
- दुर्गेश नन्दिनी
- राज सिंह
- राजरानी
- देवी चौधरानी
- युगलांगुलीय
- चन्द्रशेखर
- रजनी
- श्रीरामकृष्णवचनामृत (तीन खण्डों में)
- परिव्राजक
- भारत में विवेकानंद
- राजयोग (अंशानुवाद)
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