दिङनाग
दिङनाग भारतीय दार्शनिक एवं बौद्ध न्याय के संस्थापकों में से एक। प्रमाणसमुच्चय उनकी प्रसिद्ध रचना है। दिङ्नाग संस्कृत के एक प्रसिद्ध कवि थे। वे रामकथा पर आश्रित कुन्दमाला नामक नाटक के रचयिता माने जाते हैं। कुन्दमाला में प्राप्त आन्तरिक प्रमाणों से यह प्रतीत होता है कि कुन्दमाला के रचयिता कवि (दिंनाग) दक्षिण भारत अथवा श्रीलंका के निवासी थे।
कुन्दमाला की रचना उत्तररामचरित से पहले हुयी थी। उसमें प्रयुक्त प्राकृत भाषा के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कुन्दमाला की रचना पाँचवीं शताब्दी में किसी समय हुयी होगी।
दिड्नाग का संधि विच्छेद
दिड्नाग का संधि विच्छेद = दिक् + नाग
दिङनाग का अर्थ
1. दिग्गज ।
2. एक बौद्ध नैयायिक आर आचार्य, जो मल्लिनाथ के अनुसार कालिदास से समय में हुए थे और उनके बडे़ भारी प्रतिद्वंद्वी थे ।