रेती
“किसी कार्यखण्ड की सतह (Surface) से खुरदरी सतह वाले टूल को रगड़कर पदार्थ को चूर्ण के रूप में हटाने की प्रक्रिया को रेतना कहते हैं तथा इस टूल को रेती कहते है”।
इसके द्वारा हम प्लेन सतह(Plane Surface) ,वक्र सतह(Curve Surface),सीधी झिर्री, वृत्ताकार या आयताकार होल आदि प्रकार की आकृति पर से फालतू पदार्थ को बारीक कणों के रुप में हटा सकते हैं।
रेती किस मैटीरियल की बनी होती है।
रेती (File) अधिकतर हाई कार्बन स्टील को फोर्ज करके बनाई जाती है। परन्तु कभी-कभी टंग्स्टन स्टील को भी File बनाने में प्रयोग किया जाता है। रेतियों में फोर्जिंग के बाद दाँते (Teeth) बनाए जाते हैं तथा इसके बाद ऊष्मा उपचार (Heat Treatment)द्वारा हार्डनिंग तथा टैम्परिंग की जाती है।
रेती के मुख्य भाग
- फेस- फाइल का वह चपटा (Flat) भाग जिसमे कटाई दाँते बने होते हैं,फेस कहलाता है। कभी-कभी यह भाग नीचे की ओर टेपर मे बनाया जाता है।
- टैंग- फाइल को हाथ में पकड़ बनाने के लिए उसके ऊपरी सिरे पर एक लकड़ी (Wood) या प्लास्टिक का हैण्डिल लगाने की आवश्यकता रहती है।हैण्डिल में फाइल को फिट करने के लिए उसके ऊपरी सिरे को नुकीला बनाया जाता है। इस नुकीले भाग को ही टैंग (Tang) कहते हैं।
- हैण्डिल(Handle)-रेती को पकड़ने के लिए टैंग (Tang) पर लगा भाग, हैण्डिल कहलाता है।
- हील- फेस तथा टैंग के मध्य कुछ भाग समतल (Plane) तथा बिना दाँतो का बचता है। इस भाग को हील कहते हैं।
- टिप या प्वाइण्ट- फाइल के निचले सिरे को टिप या प्वाइण्ट कहते हैं। यह सिरा तिकोना (Triangle)बनाया जाता है परन्तु कभी-कभी सीधा भी होता है।
- किनारा(Edge)- रेती की साइडों को एज कहते हैं। तथा फ्लैट फाइल (Flat File) की दोनो साइडों पर दाँते कटे होते हैं। इन दाँतों से कटाई करने के लिए फाइल को खड़ा करके चलाना पड़ता है।
- शोल्डर- हील के ऊपर टैंग बनाने के लिए, जिस भाग को तिरछा किया जाता है,उस भाग को शोल्डर (Shoulder) कहते हैं।
- फैरुल(Ferrule)-हैण्डिल में दरार पड़ने पर, दुर्घटना (accident) से बचने के लिए हैण्डिल के ऊपर धातु का छल्ला फिट कर दिया जाता है। इस धातु के छल्ले को ही फैरुल कहते हैं।