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Rishwa in Biology
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कार्ल लैंड स्टीनर के द्वारा वर्ष 1900–1902 में रक्त समूह की खोज की थी इन्होंने एंटीजन और एंटीबॉडी के हिसाब से ब्लड को चार भाग में बांटा था- ए, बी, एबी और ओ.

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Rishwa
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कार्ल लैंड स्टीनर के द्वारा वर्ष 1900–1902 में रक्त समूह की खोज की थी इन्होंने एंटीजन और एंटीबॉडी के हिसाब से ब्लड को चार भाग में बांटा था- ए, बी, एबी और ओ.

ब्लड ग्रुप A

इस प्रकार के रक्त में A प्रकार का एंटीजन और beta टाइप एंटीबॉडी पाई जाती है.

ब्लड ग्रुप B

इस प्रकार के रक्त में B प्रकार का एंटीजन और अल्फा टाइप एंटीबॉडी पाई जाती है.

ब्लड ग्रुप AB

इस प्रकार के रक्त में A और B दोनों प्रकार के एंटीजन पाए जाते हैं लेकिन एंटीबॉडी नहीं पाई जाती.इस प्रकार के रक्त समूहों को सार्वभौमिक रक्त प्राप्तकर्ता भी कहते हैं.

ब्लड ग्रुप O

इस प्रकार के रक्त में अल्फा और बीटा दोनों प्रकार की एंटीबॉडी पाई जाती है लेकिन एंटीजन नहीं पाया जाता.इस प्रकार के रक्त समूहों को सार्वभौमिक रक्त दाता भी कहा जाता है.

सामान्य रूप से ये माना जाता है कि सबसे दुर्लभ रक्त समूह O नेगेटिव होता हैजो बहुत मुश्किल से मिलता है क्योंकि ये बहुत कम लोगों में पाया जाता है। परंतु ओ नेगेटिव रक्त समूह से भी दुर्लभ एक और रक्त समूह होता है जो लाखों लोगों में से किसी एक व्यक्ति में पाया जाता है उसका नाम बॉम्बे ब्लड ग्रुप है.इस रक्त समूह को रेयरेस्ट ब्लड ग्रुप भी कहा जाता है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप पूरे विश्व में 0.0004 फीसदी लोगों में ही पाया जाता है.भारत में ये ब्लड ग्रुप शायद ही किसी व्यक्ति में कभी मिला हो. इसे hh टाइप या रेयर ABO टाइप भी कहा जाता है. वर्ष 1952 में डॉक्टर वाई एम भेंडे ने इसकी खोज की थी. इसको बॉम्बे ब्लड ग्रुप इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये बॉम्बे के कुछ लोगों में पाया गया था। इस ब्लड टाइप के भीतर पाई जाने वाली फेनोटाइप रिएक्शन के बाद यह पता चला कि इसमें एक H एंटीजन होता है.इनकी लाल रक्त कोशिकाओं में एबीएच एंटीजन होते हैं और उनके सीरम में एंटी ए, एंटी बी और एंटी एच एंटीजन होते हैं. एंटी एच को ए बी ओ समूह में नहीं खोजा गया था,लेकिन प्री ट्रांसफ्यूजन टेस्ट में इसके बारे में पता चला है. यही H एंटीजन ABO ब्लड ग्रुप में बिल्डिंग ब्लॉक्स का काम करती है. एच एंटीजन की कमी बॉम्बे फेनोटाइप के रूप में जानी जाती है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाला सिर्फ ABO ब्लड ग्रुप वाले को ब्लड दे सकता है परंतु इनसे ब्लड ले नहीं सकता है.ये सिर्फ अपने ब्लड ग्रुप यानी hh ब्लड टाइप वालों से ही ब्लड ले सकता है.

ज्यादातर यह ब्लड ग्रुप टाइप करीबी ब्लड रिलेशन वाले लोगों में ही पाया जाता है. बॉम्बे में इस फेनोटाइप को रखने वाले व्यक्ति मात्र 0.01 फीसदी ही होंगे.अगर मां पिता का ब्लड बॉम्बे टाइप है तो ऐसी संभावना है कि बच्चे का ब्लड टाइप hh होगा।
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कार्ल लैंड स्टीनर के द्वारा वर्ष 1900-1902 में रक्त समूह की खोज की थी इन्होंने एंटीजन और एंटीबॉडी के हिसाब से ब्लड को चार भाग में बांटा था- ए, बी, एबी और ओ.

ब्लड ग्रुप A

इस प्रकार के रक्त में A प्रकार का एंटीजन और beta टाइप एंटीबॉडी पाई जाती है.

ब्लड ग्रुप B

इस प्रकार के रक्त में B प्रकार का एंटीजन और अल्फा टाइप एंटीबॉडी पाई जाती है.

ब्लड ग्रुप AB

इस प्रकार के रक्त में A और B दोनों प्रकार के एंटीजन पाए जाते हैं लेकिन एंटीबॉडी नहीं पाई जाती.इस प्रकार के रक्त समूहों को सार्वभौमिक रक्त प्राप्तकर्ता भी कहते हैं.

ब्लड ग्रुप O

इस प्रकार के रक्त में अल्फा और बीटा दोनों प्रकार की एंटीबॉडी पाई जाती है लेकिन एंटीजन नहीं पाया जाता.इस प्रकार के रक्त समूहों को सार्वभौमिक रक्त दाता भी कहा जाता है.

सामान्य रूप से ये माना जाता है कि सबसे दुर्लभ रक्त समूह O नेगेटिव होता हैजो बहुत मुश्किल से मिलता है क्योंकि ये बहुत कम लोगों में पाया जाता है। परंतु ओ नेगेटिव रक्त समूह से भी दुर्लभ एक और रक्त समूह होता है जो लाखों लोगों में से किसी एक व्यक्ति में पाया जाता है उसका नाम बॉम्बे ब्लड ग्रुप है.इस रक्त समूह को रेयरेस्ट ब्लड ग्रुप भी कहा जाता है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप पूरे विश्व में 0.0004 फीसदी लोगों में ही पाया जाता है.भारत में ये ब्लड ग्रुप शायद ही किसी व्यक्ति में कभी मिला हो. इसे hh टाइप या रेयर ABO टाइप भी कहा जाता है. वर्ष 1952 में डॉक्टर वाई एम भेंडे ने इसकी खोज की थी. इसको बॉम्बे ब्लड ग्रुप इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये बॉम्बे के कुछ लोगों में पाया गया था। इस ब्लड टाइप के भीतर पाई जाने वाली फेनोटाइप रिएक्शन के बाद यह पता चला कि इसमें एक H एंटीजन होता है.इनकी लाल रक्त कोशिकाओं में एबीएच एंटीजन होते हैं और उनके सीरम में एंटी ए, एंटी बी और एंटी एच एंटीजन होते हैं. एंटी एच को ए बी ओ समूह में नहीं खोजा गया था,लेकिन प्री ट्रांसफ्यूजन टेस्ट में इसके बारे में पता चला है. यही H एंटीजन ABO ब्लड ग्रुप में बिल्डिंग ब्लॉक्स का काम करती है. एच एंटीजन की कमी बॉम्बे फेनोटाइप के रूप में जानी जाती है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाला सिर्फ ABO ब्लड ग्रुप वाले को ब्लड दे सकता है परंतु इनसे ब्लड ले नहीं सकता है.ये सिर्फ अपने ब्लड ग्रुप यानी hh ब्लड टाइप वालों से ही ब्लड ले सकता है.

ज्यादातर यह ब्लड ग्रुप टाइप करीबी ब्लड रिलेशन वाले लोगों में ही पाया जाता है. बॉम्बे में इस फेनोटाइप को रखने वाले व्यक्ति मात्र 0.01 फीसदी ही होंगे.अगर मां पिता का ब्लड बॉम्बे टाइप है तो ऐसी संभावना है कि बच्चे का ब्लड टाइप hh होगा।

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