ब्राह्मण ग्रंथ
वेदों की गद्य रचना को ब्राह्मण ग्रंथ कहा जाता है। ब्राह्मणों की रचना कर्मकांडों की जटिल व्याख्या का सरल वर्णन करने के लिए की गयी थी। इनकी रचना गद्य शैली में की गयी है।
ब्राह्मण ग्रन्थों की रचना ऋग्वेद के समय से ही शुरू हुई। ऋग्वेद के ब्राह्मण ग्रंथ ऐतरेय और कौशितिकी हैं। ऐतरेय ब्राह्मण की रचना महिदास ऐतरेय ने की थी, इसमें राज्याभिषेक के नियमों का विवरण दिया गया है।
कौशितिकी ब्राह्मण को शंखायन भी कहा जाता है। इसकी रचना शंखायन अथवा कौशितिकी द्वारा की गयी थी। इसमें मानव के व्यवहार के सन्दर्भ में निर्देश लिखित हैं।