हाथी महोत्सव अथवा प्रत्येक वर्ष जयपुर शहर में मनाया जाता है । प्रति वर्ष हिंदू कैलेंडर के फागुन के महीने की पूर्णिमा को इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है, यह वही दिन है जब पूरा देश होली मनाता है ।
इस दिन जयपुर शहर में हाथियों को सजा कर उनको पूरे शहर में घुमाया जाता है, यही नहीं हाथियों के साथ अन्य जानवर जैसे कि घोड़े, ऊंट आदि भी सज धज कर जयपुर शहर में निकलते हैं।
सबसे बेहतरीन तरीके से सजे हुए हाथी को आयोजकों के द्वारा इनाम दिया जाता है। इस महोत्सव के दो सबसे बड़े आकर्षण एलीफेंट पोलो एवं एलीफेंट डांस होते हैं। अब तो आपको पता चल गया होगा कि हाथी महोत्सव प्रत्येक वर्ष किस जगह मनाया जाता है?
हिंदू मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के बाद जो नवरत्न बाहर निकल कर आए थे उनमें से हाथी भी एक है इसी कारण से प्राचीन समय से ही हिंदू मान्यताओं में हाथी को ऊंचा दर्जा मिला हुआ है। हाथी महोत्सव हाथी के भारतीय संस्कृति में इसी स्थान को Celebrate करता है।
इस महोत्सव के साथ कुछ विवाद भी जुड़े हैं, 2012 एवं 2014 के वर्ष में एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार के लिए इस महोत्सव को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे आयोजित करने को लेकर आपत्ति उठाई थी, फिर बाद में इसका उपाय निकालते हुए इस महोत्सव का नाम बदलकर होली फेस्टिवल भी कर दिया गया था।
पशुओं के संबंध में आवाज उठाने वाले कार्यकर्ताओं की आपत्ति के बाद से एनिमल बोर्ड ने इस आयोजन को सहमति नहीं दी है इसीलिए इसकी वर्तमान स्थिति स्थगित मानी जाती है ।