आकृति वरणात्मक उत्प्रेरण वह उत्प्रेरकीय क्रिया होती है जो उत्प्रेरक की छिद्र संरचना तथा अभिकारक/उत्पाद अणुओं के आकार पर निर्भर करती है। हाइड्रोकार्बनों के भंजन में जीओलाइट (ZSM- 5) का उपयोग आकृति वरणात्मक उत्प्रेरण का उदाहरण है।
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