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टिण्डल प्रभाव के में बताइये

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 टिण्डल प्रभाव 

जिस प्रकार अँधेरे कमरे में प्रकाश की किरण में धूल के कण चमकते हुए दिखाई पड़ते हैं, उसी प्रकार लेन्सों से केन्द्रित प्रकाश को कोलॉइडी विलयन पर डालकर समकोण दिशा में रखे एक सूक्ष्मदर्शी से देखने पर कोलॉइडी कण अँधेरे में घूमते हुए दिखाई देते हैं। इस घटना के आधार पर वैज्ञानिक टिण्डल ने कोलॉइडी विलयनों में एक प्रभाव का अध्ययन किया जिसे टिण्डल प्रभाव कहा गया, अतः कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering of light) के कारण टिण्डल प्रभाव होता है।

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