अंग्रेजों ने भारत से कच्चा माल- सूत और कपास ले जाकर अपने यहाँ मशीनों द्वारा वस्त्र निर्माण करके भारत में लाकर बेचना आरंभ कर दिया। इस सस्ते और अच्छे कपड़े का सामना भारतीय उद्योग नहीं कर सके और यहाँ के कारीगर बेकार हो गए। इस प्रकार अंग्रेजों ने भारतीय उद्योगों को नष्ट किया।