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Pratham Singh in भूगोल
जलवायु के प्रकार: 12 प्रमुख जलवायु क्षेत्र

किसी क्षेत्र में मौसम की एक लंबी अवधि का औसत जलवायु कहा जाता है । इसके लिए सामान्यतः 35 वर्ष की अवधि ली जाती है । विश्व के विभिन्न प्रदेशों में भिन्न-भिन्न प्रकार की जलवायु पाई जाती है । इनकी पहचान जिन प्रमुख तत्वों के आधार पर की जाती हैं, वे हैं तापमान, वर्षा तथा वाष्पीकरण ।

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Deva yadav
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सामान्य रूप से संसार को 12 प्रमुख जलवायु प्रदेशों में बांटा जा सकता है:

1. विषुवतरेखीय या भूमध्यरेखीय जलवायु-इस प्रदेश की जलवायु में सालों भर तापमान ऊँचा रहता है और शरद नाम की ऋतु नहीं होती । पूरे वर्ष औसत तापमान 27C रहता है । अधिकतम वार्षिक तापांतर 5C होता है । दैनिक तापांतर भी 12C से कम ही रहता है । वायु की सापेक्षिक आर्द्रता 80 प्रतिशत से अधिक रहती है । वर्षा संवहनीय प्रकार की है एवं सालों भर होती है । वार्षिक वर्षा 200 सेमी. से अधिक होती है ।

2. उष्ण मानसूनी या भारतीय प्रकार की जलवायु 

इस प्रदेश की जलवायु में जाड़े व गर्मी की दो स्पष्ट व अलग-अलग ऋतुएँ होती है, साथ ही वर्षा की भी एक अलग ऋतु होती हैं । गर्मियों में तापमान 27C से अधिक (35C से 40C तक) चला जाता है तो जाड़े में 10C तक नीचे भी उतर आता है । वार्षिक तापांतर लगभग 15C मिलता है ।

वर्षा की भी एक स्पष्ट ऋतु मिलती है जो गर्मियों के तुरंत बाद होती है । वर्षा मुख्यतः जून से सितम्बर के बीच होती है जो काफी अनिश्चितता की प्रवृति रखती है । जाड़े की ऋतु प्रायः शुष्क होती है । औसत वार्षिक वर्षा सामान्यतः 40 से 200 सेमी. तक होती है ।

 3. सूडानी या सवाना प्रदेश की जलवायु

सामान्यतः 10-30 अक्षांशों तक विस्तृत इस जलवायु प्रदेश में वर्ष भर उच्च तापमान (18C से अधिक) मिलता है एवं वार्षिक तापांतर 10C तक पाया जाता है । ग्रीष्म ऋतु में यहाँ विषुवतीय जलवायु से भी अधिक तापमान रहता है ।

सामान्य रूप से इस जलवायु में औसत मासिक तापमान 20C से 30C रहता है । दैनिक तापांतर भी अधिक होता है । वार्षिक वर्षा 25 सेमी. से 100 सेमी. तक होती है । वर्षा गर्मियों में होती है । विषुवतीय सीमांतों पर एवं समुद्रतटीय भागों में अधिक वर्षा होती है । वर्षा में अनिश्चितता की प्रवृति मिलती है ।

 4. उष्ण मरूस्थलीय या सहारा प्रकार की जलवायु

इस प्रकार की जलवायु का विस्तार साधारण रूप से 15 से 30 अक्षांशों के बीच उष्ण मरूस्थलीय क्षेत्रों में पायी जाती है । जाड़े में औसत तापमान 10C और गर्मी में 30C मिलता है । वार्षिक तापान्तर लगभग 20C तक रहता है । विश्व में सर्वाधिक तापमान उष्ण मरूस्थलों में ही मिलते हैं ।

दैनिक तापांतर अत्यधिक मिलता है क्योंकि यहाँ दिन में तेज गर्मी पड़ती है तथा रात में सर्दी । वर्षा अत्यल्प व अत्यधिक अनिश्चित है । औसत वार्षिक वर्षा 10-12 सेमी. मिलती है ।

 5. भूमध्यसागरीय या रूमसागरीय जलवाय 

इस प्रकार की जलवायु 30 से 45 अक्षांशों के मध्य भूमध्यसागरीय प्रदेश एवं महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर पाई जाती है । यहाँ गर्मी व जाड़े की दो स्पष्ट ऋतुएँ मिलती है । गर्मियों में अधिक गर्मी नहीं पड़ती एवं औसत तापमान 20C से 26C तक पाया जाता है ।

जाड़ों में भी अधिक ठंड नहीं पड़ती एवं औसत तापमान 5C से 15C तक मिलते है । वार्षिक तापांतर 10C से 15C तक रहता है । दैनिक तापांतर अधिक होता है । वर्षा जाड़ों में होती है और मुख्यतः चक्रवाती प्रकार की है । वार्षिक वर्षा 40 सेमी. से 80 सेमी. तक हुआ करती है ।

 6. शीतोष्ण मरूस्थलीय जलवायु 

यह 30-45 अक्षांशों के मध्य महादेशों के आंतरिक भागों में पाया जाता है । गर्मियों में अधिकतम तापमान 17C-18C तक चला जाता है । दैनिक तापान्तर 50C तक है क्योंकि दिन में तापमान 38C तक बढ़ आता है जबकि रात में यह हिमांक से भी नीचे उतर आता है ।

वार्षिक तापांतर लगभग 40C है । वार्षिक वर्षा अत्यल्प है एवं यह मुख्यतः गर्मियों में होती है । अधिकतम वार्षिक वर्षा 20 से.मी. से 30 से.मी. तक है ।ये 30 से 45 अक्षांशों के मध्य महादेशों के पूर्वी भागों में पाए जाते हैं । इस जलवायु में ग्रीष्म काल मे खू

 7. शीतोष्ण मानसून या चीन तुल्य जलवायु 

ब गर्मी पड़ ती है और शीतकाल मे सर्दी भी खूब पड़ती है । औसत तापमान 20C-22C तथा वार्षिक तापांतर 12C-18C तक मिलता है । वर्षा सालों भर होती है पर मुख्यतः गर्मियों में अच्छी वर्षा होती है । वार्षिक वर्षा 75 से.मी. से 150 तक होती है ।

 8. सेंट लारेंसीय प्रदेश की जलवायु 

ये जलवायु क्षेत्र 40 से 60 अक्षांशों के बीच मुख्यतः पूर्वी तटों पर मिलते हैं । इस जलवायु में गर्मी में तापमान 21C तक मिलता है जबकि जाड़े में यह हिमांक से भी नीचे चला जाता है । इस प्रकार वार्षिक तापांतर अधिक (20C-40C) मिलता है ।

वर्षा सालों भर होती हैं पर मुख्यतः गर्मियों में अच्छी वर्षा होती है । वर्षा शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के कारण होती है । औसत वार्षिक वर्षा 75 सेमी. से 100 तापमान सेमी. है ।

 9. शीतोष्णकटिबंधीय घासभूमि प्रदेश या प्रेयरी प्रकार की जलवायु:

यह जलवायु 40 से 60 अक्षांशों के मध्य मिलती हैं । महाद्वीपों के आंतरिक भाग में स्थित होने के कारण यहाँ तापमान की अत्यधिक विषमता पाई जाती है । गर्मी में 26C तक तापमान मिलता है जबकि जाड़े में यह हिमांक से भी नीचे आ जाता है ।

अपवादस्वरूप दक्षिणी गोलार्ध की शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमियों में जाड़े का औसत तापमान लगभग 10C बना रहता है जिसका कारण समुद्री प्रभाव है । वार्षिक तापांतर उत्तरी गोलार्द्ध में अधिक (कहीं कहीं 30C से भी अधिक) एवं दक्षिणी गोलार्ध में कम (15C) मिलता है ।

वर्षा मामूली तौर पर सालों भर होती है परंतु गर्मियों के प्रारंभ में थोड़ी अधिक देखी जाती है । औसत वार्षिक वर्षा 40 सेमी. से 70 सेमी. तक पाई जाती है । गर्मियों में वर्षा संवहनीय एवं जाड़े में चक्रवाती प्रकार की होती है ।

 10. पश्चिमी यूरोपीय तुल्य जलवायु (Western European Climate):

45-60 अक्षांशों के मध्य महादेशों के पश्चिमी तटों पर इस प्रकार की जलवायु पायी जाती है । इस प्रकार की जलवायु पर समुद्री प्रभाव बना रहता है । इस कारण न तो इसमें जाड़ों में अधिक सर्दी पड़ती है और न ही गर्मियों में अधिक गर्मी । जाड़े का औसत तापमान 4C तथा गर्मी का 16C तक रहता है ।

वार्षिक तापांतर सामान्यतः कम (8C से 12C) रहता है जिसका कारण गर्म जलधाराओं और समुद्री पवन का सम्मिलित प्रभाव है । वर्षा पछुआ पवनों के प्रभाव में हर महीने होती है । औसत वार्षिक वर्षा 60 सेमी. से 100 सेमी. है । वर्षा पर्वतीय व चक्रवाती दोनों प्रकार की है ।

 11. साइबेरिया तुल्य या टैगा प्रदेशीय जलवायु 

यह उत्तरी गोलार्द्ध में 45 से 70 अक्षांशों के बीच मिलता है । जाड़े की ऋतु बहुत लंबी (7-8 महीने) होती है एवं तापमान हिमांक से बहुत नीचे उतर आता है । संसार के सबसे ठंडे स्थानों में से एक वरखोयांस्क (Verkhoyansk) यहीं है जहाँ जाड़े में तापमान -50C तक चला जाता है ।

ग्रीष्म ऋतु 4-5 महीने की होती है एवं सूर्य 18 घंटे से भी अधिक देरी तक चमकता रहता है किन्तु तिरछी किरणों के कारण तापमान अधिक नहीं रहता । संसार में सबसे अधिक वार्षिक तापांतर (50-55C) यहीं मिलता है ।

वर्षा 25 सेमी. से 50 सेमी. तक हुआ करती है । वर्षा सालों भर होती है परन्तु गर्मियों में इसकी मात्रा थोड़ी अधिक होती है । वर्षा चक्रवातीय व संवहनीय दोनों प्रकार की है ।

 12. शीत मरूस्थल या टुंड्रा प्रदेशीय जलवायु 

ये ध्रुवों की ओर मिलते हैं । संसार का न्यूनतम तापमान यहीं मिलता है । जाड़े की ऋतु अत्यधिक लंबी होती है जिसमें रातें बहुत बड़ी व दिन अत्यधिक छोटे होते हैं । सतह प्रायः 10 महीने तक बर्फ से ढकी रहती है । गर्मी के 1-2 महीनों में बर्फ पिघलती है एवं थोड़ी वर्षा भी हो जाती है ।

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