बौद्ध धर्म ग्रहण करने वाली पहली महिला गौतमी थी। महात्मा बुद्ध नारी समाज को भिक्षु धर्म में दीक्षित करने के विरुद्ध थे। कपिलवस्तु में अपनी विमाता महाप्रजापतिगौतमी के क्षिक्षुणी बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद वे वैशाली लौट आये थे। किंतु तत्पश्चात् गौतमी बहुत सी नारियों के साथ अपने बाल मुड़वाकर, काषाय वस्त्र पहन कर तथागत के महावन विहार में पहुंची।